Chand Si Mehboba Ho Meri Lyrics in Hindi


चाँद सी मेहबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो, जैसा मैंने सोचा था

चाँद सी मेहबूबा हो...

ना कस्मे हैं ना रस्में हैं, ना शिकवे हैं ना वादे हैं
इक सूरत भोली भाली है, दो नैना सीधे सादे हैं
ऐसा ही रूप खयालों में था, जैसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो, जैसा मैंने सोचा था

चाँद सी मेहबूबा हो...

मेरी खुशियाँ ही ना बांटे, मेरे गम भी सहना चाहे
देखे ना ख्वाब वो महलों के, मेरे दिल में रहना चाहे
इस दुनिया में कौन था ऐसा, जैसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो, जैसा मैंने सोचा था

चाँद सी मेहबूबा हो...



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